दमोह। दमोह जिले में पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। हटा विधानसभा की भाजपा विधायक उमा देवी खटीक द्वारा पत्रकार जितेंद्र गौतम पर कराई गई कथित फर्जी एफआईआर के विरोध में सोमवार को जिलेभर के पत्रकारों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर आत्मदाह करने की चेतावनी दी। जानकारी के अनुसार, 13 अगस्त को तिरंगा यात्रा के दौरान जिले के पटेरा मे पत्रकार ने विधायक से राष्ट्रगान गाने और उससे संबंधित प्रश्न किया था। इस दौरान विधायक द्वारा राष्ट्रगान गलत गाया गया और तथ्यात्मक गलती की गई। जब यह खबर मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रसारित हुई तो विधायक आक्रोशित हो गईं। इसके बाद विधायक ने अपने लेटरपैड पर पुलिस को पत्र लिखकर विभिन्न धाराओं, यहां तक कि एससी-एसटी एक्ट के तहत भी एफआईआर दर्ज कराई।
पत्रकारों का आरोप है कि पुलिस ने विधायक के दबाव में आकर बिना जांच के ही एफआईआर दर्ज कर दी। पहले पत्रकारों ने शनिवार को प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर 3 दिन में एसआईटी गठित कर निष्पक्ष जांच की मांग की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। निराश और आक्रोशित होकर सोमवार को जिले के पत्रकार बड़ी संख्या में कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और सामूहिक आत्मदाह का ऐलान कर दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर मौके पर पहुंचे और पत्रकारों को समझाइश देकर दो दिन का समय मांगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि SIT गठित कर निष्पक्ष जांच कराई जाएगी।
पत्रकारों ने साफ चेतावनी दी है कि यदि दो दिनों में निष्पक्ष जांच और कार्रवाई नहीं होती है, तो वे सामूहिक आत्मदाह या फिर अनिश्चितकालीन उग्र आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि पत्रकारों की आवाज दबाने की कोशिश लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है। अब जिलेभर की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि दमोह प्रशासन दो दिनों में क्या कदम उठाता है और क्या वास्तव में पत्रकारों को न्याय मिलेगा या फिर लोकतंत्र की चौथी ताकत को कुचलने का प्रयास और तेज होगा।
